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बिहार में छठ पर ‘ट्वीट वार’, तेजस्वी यादव ने सुशील मोदी की मर्दानगी को चुनौती दी

जहाँ छठ के महापर्व पर पूरा बिहार भगवान भास्कर की आराधना  में डूबा हुआ है वही बिहार के पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री एक दूसरे के परिवार के उपर टिप्पणी करने में व्यस्त दिखाई दे रहे है।जी हाँ , छठ पूजा को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बीच ट्विटर वॉर शुरू हो गया है।एक तरफ डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ट्वीट कर राबड़ी देवी के छठ पूजा करने को लेकर कमेंट किया तो दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने सुशील मोदी की मर्दानगी और धर्म तक को ललकार दिया। तेजस्वी यहीं नहीं रुके उन्होंने सूमो की पत्नी के धर्म के उपर सवाल उठाते हुए उनको अपनी मां राबड़ी देवी के साथ छठ पूजा करने चुनौती दे डाली।

आपकों बता दे कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी छठ पर्व करती है ।बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्विटर पोस्ट पर लालू और उनके परिवार के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र करते हुए लिखा, ‘लोग भूल जाते हैं कि पाप की कमाई से कोई भी पूजा कभी सफल नहीं होती।’

इस ट्वीट पर लालू के छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक ट्विट कर सूमो पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिया। तेजस्वी ने ट्विटर पर लिखा ‘छठ मैया पर आपकी गिरी हुई टिप्पणी आपके छिछोरापन, छठ मैया के प्रति आपकी घोर घृणा, अपमान और ओछी मानसिकता का परिचायक है।’

अपने अगले ट्वीट में तेजस्वी ने सूमो पर निजी हमला करते हुए लिखा ,’छठ माई पर ज़्यादा पटर-पटर कर रहे हो,पहलें ये बताओ आपकी धर्मपत्नी “Mrs Jessie George” छठ पूजा करती है या नहीं? बिहारी छठ मैया का अपमान सहन नहीं करेंगे। समझें।’

तेजस्वी यहीं नहीं रुके और आगे लिखा, ‘कुछ वर्षों पूर्व दूसरे प्रदेश से आकर बिहार में डेरा ज़माने वाले अप्रवासी ठेठ बिहारीयों को छठ मैया पर ज्ञान पेल रहे है।शर्म है कि इनको आती नहीं?’

अगले ट्वीट में तेजस्वी ने फिर से मोदी के निजी हमला करते हुए चुनौतीपूर्ण लहजे में लिखा,’ सुनो। मर्द हों और धर्मी भी हो तो चुनौती स्वीकार करों। गंगा माता में एक तरफ़ मेरी माँ व्रती रखकर छठ पूजा करेगी और उनके बग़ल में आपकी धर्मपत्नी “जेसी जॉर्ज”। देखते है कौन कितना लंबे समय तक और कितनी कठिन पूजा कर सकतीं है? औक़ात पता चल जाएगी?’

तेजस्वी ने आज फिर नहाय-खाय के अनुष्ठान पर ट्वीट कर अपने दिए गए चुनौती पर जवाब माँगा।

बिहार के दो प्रमुख राजनीतिक दल के इन नेताओं को शायद यह बात समझनी चाहिए की राजनीती राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप तक ही सीमित रहे तो बेहतर है। किसी नेता के माँ ,पत्नी या बेटी के उपर टिप्पणी बिल्कुल शोभनीय नहीं है।

 

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